ग्राम सभाओं में लिया निर्णय-
रायसेन जिले के 90 गांव हुए बाल विवाह मुक्त
ग्रामसभाओं में प्रस्ताव पारित कर गांव को किया बाल विवाह मुक्त आदर्श ग्राम घोषितरायसेन-जिले में आयोजित विशेष ग्राम सभाओं में बाल विवाह मुक्त आदर्श ग्रामों के लिए ग्राम सभा सदस्यों ने सर्वसम्मति निर्णय लिया। साथ ही संकल्प लिया कि बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति से जिला रायसेन को मुक्त करेंगें। कैलास सत्यार्थी चिल्ड्रन फॉउंडेशन के साथ जिले में कार्यरत कृषक सहयोग संस्थान जिले के 150 गांवो में बच्चों के लिए आदर्श वातावरण बनाए जाने कार्यरत है। ग्राम सभाओं में जगरूक ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि न बाल विवाह करेंगें,ना ही ऐसे किसी आयोजन में सम्मलित होगें। लोगों को बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी देकर समाज मे बच्चों के लिए आदर्श वातावरण का निर्माण करेंगें। सपथ लेते हुए ग्राम सभा मे अपने गांव को बाल विवाह मुक्त आदर्श ग्राम घोषित किया।
कृषक सहयोग संस्थान के जिला समन्वयक अनिल भवरे ने बताया कि जिले में 15 अगस्त को 15 गांव,और 2 अक्टूबर को 75 गांव में बाल विवाह मुक्त करने का प्रस्ताव पारित करने का निर्णय सरपंचों द्वारा ग्रामसभाओं में लिया गया। संस्था का लक्ष्य रायसेन जिले को बाल विवाह मुक्त करना है। अभी पहले चरण में 150 गांवो में अभियान चलाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार अभी तक 90 गांवों के लोगों ने ग्राम सभा मे अपने गांवों को बाल विवाह मुक्त होने का प्रस्ताव पारित करवा कर बाल विवाह मुक्त ग्राम घोषित करने का निर्णय लिया है।
सतत जागरूकता अभियान से आया बदलाव-
कृषक सहयोग संस्थान के निदेशक डॉ एच बी सेन ने बताया कि संस्था के 15 सामाजिक कार्यकर्ता लगतार गांवो में बल विवाह,बाल यौनशोषण,बाल तरकारी और बाल श्रम के दुष्परिणामों से घर घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। लगातार संस्था द्वारा चलाए जा रहे जनजागुट्टा अभियान के बाद ग्रामीणों में यह बदलाव आया।वे इसके चलते जागरूक ग्रामीणों ने अपने गांव की ग्राम सभाओं में बाल विवाह विरोधी प्रताव पारित करवाये।
मशाल रैली के बाद होगा पखवाड़े का समापन-
संस्था की कार्यक्रम समन्वयक रेखा श्रीधर ने बताया कि 1 से 16 अक्टूबर तक बाल विवाह के विरोध में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस 16 दिवसीय पखवाड़े का शुभारंभ अंतरराष्ट्रीय धरोहर सांची,भीमबेटका और भोजपुर में हस्ताक्षर अभियान से गया। अभियान का समापन 16 अक्टूबर को कैंडिल मार्च और मशाल रैली के बाद होगा। संस्था के निदेशक डॉ सेन ने बताया कि संस्था रायसेन और सागर जिले में बच्चों के अधिकार संरक्षण कर उन तक न्याय की पहुंच बनाने के लिए कार्यरत है। इस अभियान में गांव के और नगरों के लगभग 50 हजार लोगों को जागरुक कर बाल विवाह न करने की सपथ भी दिलाने का लक्ष्य है।