एड्स दिवस पर विशेष
एड्स की जकड़ में औद्योगिक नगर
कोरोना काल 2020-21 में टेस्ट की संख्या घटी तो कम हुए एड्स पॉजिटिव मरीज,
बीते 2 सालों में 11435 एचआईवी जांच में निकले 34 पॉजिटिव मरीज ,
12 साल में 190एड्स पीडि़तों की पहचान, 18 रोगियों की हो चुकी है मौत, जिले में पहले पायदान पर मंडीदीप,
मंडीदीप। औद्योगिक नगर में एचआईवी एड्स संक्रमण बेहद तेज गति से फैल रहा है ।हालांकि वर्ष 2020-21 की बात करें तो इन 2 वर्षों में एड्स पीड़ित रोगियों की संख्या में कुछ कमी जरूर आई है । जो राहत देने वाली है इसका मुख्य कारण कोरोना संकट काल में एचआईवी टेस्ट में कमी आना है। जहां वर्ष 2020 में 5934 सैंपल लिए गए जिनकी जांच में 19 लोगों में इस रोग की पहचान की गई । वहीं चालू वर्ष में बीते 1 अप्रैल से 30 नवंबर तक इन 8 महीनों में 5501 सैंपलों की जांच की गई ।जिनमें से 15 लोगों में इस भयाभय रोग की पहचान हुई इस तरह 20 महीनों में कुल 11435 टेस्ट हुए और24 पुरूष , 8 महिलाएं एवं 2 गर्भवती महिलाओं समेत कुल 34 ऐड्स रोगी मिले ।औद्योगिक नगर में लोग जान लेवा व लाइलाज बीमारी एचआईवी एड्स (एक्वायर्ड इयूनो डेफीशिएन्सी सिंड्रोम) की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। नगर स्थित एकीकृत परामर्श एवं जांच केन्द्र के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। सिर्फ 12 साल में 190 लोग इसका शिकार हो चुके हैं। जिसमें 8 से लेकर 50 वर्ष की आयु के 118 पुरुष 51 महिलाएं एवं 21 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं । अब तक इसमें से 18 लोगों की मौत हो चुकी है। यह वह आंकड़े हैं जिसमें लोगों ने स्वेच्छा से आईसीटीसी सेन्टर में आकर एचआईवी टेस्ट करवाया है। यदि नगर के प्रत्येक वार्ड में शिविर लगाकर एचआईवी टेस्ट कराया जाएं तो आंकड़े भयावह स्थिति स्पष्ठ करने वाले होंगे।
सिविल अस्पताल में संचालित एकीकृत परामर्श एवं जांच केन्द्र (आईसीटीसी) के आंकड़े इस बीमारी के तेजी से बढऩे की ओर इशारा कर रहे हैं। अस्पताल के प्रभारी डॉ विवेक नागर बताते हैं कि नगर में 12 वर्ष पहले एक भी एचआईवी पॉजीटिव व्यक्ति की पहचान नहीं थी। वर्ष 2009 में सरकारी अस्पताल में आईसीटीसी की स्थापना के बाद एचआइबी पॉजीटिव मरीजों की पहचान आसान हो गई। पिछले 12 सालों में 77 हजार 842 टेस्ट किए जा चुके हैं। जिनमें 118 पुरुष,51 महिला एवं 21 गर्भवती महिलाएं समेत कुल 190 लोगों की पहचान हुई। भयावह बीमारी जितनी तेजी से पैर पसार रही है। उसी गति से लोगों की जान भी ले रही है। बीते 12 साल में पॉजीटिव पाए गए 190 लोगों में से अब तक 18 एचआईवी एड्स रोगियों की मौत हो चुकी है।
सबसे अधिक एड्स पीड़ित नगर में :
एचआईबी पॉजीटिव लोगों की संख्या में सालाना तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। इस बढ़ते मर्ज को रोक पाने में स्वास्थ्य विभाग के साथ सरकार और सामाजिक संस्थाओं के जागरुकता कार्यक्रम भी सफल नहीं हो पा रहे हैं। जिले में मंडीदीप के अलावा बरेली और जिला मुख्यालय रायसेन में ही आईसीटीसी की सुविधा है। यहां के आंकड़े बताते हैं कि सबसे भयावह स्थिति मंडीदीप 190 की ही है। इसके बाद रायसेन और बरेली में 84 पॉजीटिव व्यक्ति मिले हैं।
जरुरतमंदों तक नहीं पहुंच रही जागरुकता :
जानकारों का मानना है कि एड्स पीड़ितों की बढ़ती संख्या की एक बड़ी वजह जागरुकता की कमी है। नगर में एडस को लेकर किसी तरह का जागरुकता अभियान नहीं चलाया जा रहा है। यही कारण है कि इस पर काफी पैसा खर्च करने के बाद भी लोग तेजी से इस जान लेवा बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं। जागरुकता के लिए एक काउंसलर एक टेक्नीशियन के अलावा एक एनजीओ की सेवाएं भी ली जा रहीं हैं। बावजूद इसके सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिल रहे हैं। जबकि एनजीओ को हर साल सरकार से लाखों रुपए का फंड मिलता है।
साल दर साल बढ़ रहा आंकड़ा:
वर्ष परीक्षण पॉजीटिव महिला पुरुष गर्भवति कुल
2019 7320 6 15 1 22
2020 5934 4 13 2 19
2021 5501 4 11 0 15
एक्सपर्ट कमेंट्स
मंडीदीप में तेजी से बढ़ रही एड्स पीडि़तों की संख्या पर डॉ आर के तिवारी कहते हैं कि यहां पर ज्यादातर गरीब तबके के लोग बाहर से आकर निवास कर रहे हैं। जिसमें कुछ लोग आपसी सहमति से अपनी आर्थिक एवं शारीरिक जरुरतों को पूरा करते हैं। जो एड्स का सबसे बड़ा कारण हैं। शासन को चाहिए कि लोगों में जागरुकता लाएं जिसमें सुरक्षा सर्वोपरि हो।
इनका कहना हैं-
औद्योगिक नगर होने के कारण वहां ज्यादातर गरीब तबके के लोगों में जानकारी का अभाव है। बाहर के लोगों का भी वहा आना जाना होता है। इस कारण मंडीदीप में एड्स रोगियों की संख्या अधिक है। इस लाईलाज बीमारी से बचने का एक ही उपाए है कि लोग इसके प्रति जागरूक रहें।
डॉ अरविंद सिंह चौहान बीएमओ औबेदुल्लागंज