लखनऊ लखीमपुर | लखीमपुर खीरी में रविवार को हुए बवाल के 4 दिनों बाद पुलिस ने आशीष पांडेय और लवकुश राणा नाम के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि अब भी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा लापता है। पुलिस का कहना है कि दो लोगों को अरेस्ट कर लिया गया है। कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है, उनकी तलाश जारी है। पुलिस की यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सामने आई है। गुरुवार को ही सुबह मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार से पूछा था कि अब तक कितने लोगों को इस मामले में अरेस्ट किया गया है। कोर्ट ने यूपी सरकार से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
यही नहीं अदालत ने शुक्रवार को भी मामले की सुनवाई करने का फैसला लिया है। उधर, विपक्ष ने मामले में हत्यारोपी बनाए गए केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी है। पुलिस ने आशीष पांडेय और लव कुश नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों पर उस गाड़ी में सवार रहने का आरोप है जो उस थार जीप के पीछे-पीछे चल रही थी जिसने किसानों को रौद दिया था। किसानों को थार जीप से रौंदे जाने का वीडियो पिछले दो दिन से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव में आयोजित दंगल कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव मौर्य को बतौर मुख्य अतिथि जाना था। इस सूचना पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान डिप्टी सीएम के हेलीपैड के पास उन्हें काले झंडे दिखाने पहुंचे थे। लेकिन बाद में पता चला कि डिप्टी सीएम किसी अन्य मार्ग से कार्यक्रम स्थल पर जा रहे हैं। इस सूचना पर किसान अपने घरों को वापस लौट रहे थे। आरोप है कि वापस लौटते किसानों पर अचानक पीछे से मंत्री की गाड़ी ने टक्कर मार दी।
मंत्री की थार जीप किसानों को रौंदते हुए निकल गई। इस जीप के पीछे-पीछे एक फार्रच्यूनर गाड़ी भी चल रही थी। किसानों के कुचले जाने से चार किसानों की मौत के बाद उनके साथियों का गुस्सा भड़क गया। वहां जबरदस्त हिंसा शुरू हो गई जिसमें मंत्री की गाड़ी का ड्राइवर, भाजपा कार्यकर्ता समेत चार लोगों की मौत हो गई। पूरे घटनाक्रम के दौरान चार किसान, एक पत्रकार और भाजपा कार्यकर्ता समेत कुल आठ लोगों की जान गई है।
भड़की भीड़ ने मंत्री की गाड़ियों को मौके पर ही आग के हवाले कर दिया था। किसानों का आरोप है कि किसानों को कुचलने वाली गाड़ी को मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा चला रहा था जबकि मंत्री और उनके बेटे आशीष मिश्रा अभी तक अपनी सफाई में यही कह रहे हैं कि वे तो मौके पर थे ही नहीं। मंत्री का कहना है कि उनका बेटा पूरे समय गांव में कार्यक्रम स्थल पर था। उनकी गाड़ियां डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रही थीं कि रास्ते में किसानों के नाम पर कुछ अराजक तत्वों ने उन पर हमला बोल दिया। किसान मंत्री के हर दावे को नकार रहे हैं।
मंत्री और उनके बेटे को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से उत्तर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। लखीमपुर जाने की कोशिश में चार अक्टूबर को तड़के साढ़े चार बजे प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें कल दिन पर चले सियासी ड्रामे के बाद राहुल गांधी के साथ लखीमपुर जाने की इजाजत मिली। कल शाम को सीतापुर गेस्ट हाउस में बनी अस्थाई जेल से वह रिहा हुईं और लखीमपुर पहुंचकर पीड़ित किसान परिवारों से राहुल के साथ मुलाकात की। आज वह बहराइच गई हैं। जहां लखीमपुर हिंसा में मारे गए एक अन्य किसान के परिवार से मिलने का उनका कार्यक्रम है।