भोपाल | सहकारी दुग्ध संघ में दो अधिकारियों के बीच हुए विवाद में नया मोड़ आ गया है। मामले में जिस अधिकारी पर अभद्रता करने के आरोप थे, उसे दुग्ध महासंघ के प्रबंध संचालक (एमडी) शमीम उद्दीन ने निंदा पारित कर छोड़ दिया है। इस पर फरियादी अधिकारी ने आपत्ति दर्ज कराई है। कहा है कि निंदा पारित कर संबंधित को छोड़ देना ठीक नहीं है। संबंधित अधिकारी बाद में दूसरे अधिकारी, कर्मचारियों के साथ भी अन्याय कर सकते हैं। फरियादी अधिकारी ने अभद्रता करने के आरोपों से घिरे अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है।
भोपाल सहकारी दुग्ध संघ प्लांट के सहायक महाप्रबंधक भरत अरोरा और विपणन विभाग के सहायक महाप्रबंधक शलभ सियोते के बीच 10 मार्च को लॉटरी प्रक्रिया के दौरान दुग्ध संघ कार्यालय में विवाद हुआ था। शलभ सियोते ने भरत अरोरा पर अभद्रता करने संबंधी गंभीर आरोप लगाए थे। विवाद थाने तक भी पहुंच गया था। मामले में दुग्ध महासंघ के प्रबंधक संचालक शमीम उद्दीन ने हस्तक्षेप कर भरत अरोरा को तलब किया था। साथ ही नोटिस भी जारी कर जवाब मांगा था, जो कि तीन माह बाद 13 सितंबर को दिया गया। इस मामले में फरियादी अधिकारी का कहना है कि एमडी द्वारा पारित परिनिंदा संबंधी आदेश में खुद कहा गया कि भरत अरोरा के जवाब से यह स्पष्ट होता है कि उसके द्वारा शलभ सियोते के साथ अभद्रता की गई थी। तब भी एमडी ने अरोरा को परिनिंदा कर छोड़ दिया है। मामले में अजाक्स के प्रतिनिधियों ने भी कार्रवाई की आलोचना की है। यह भी कहा है कि यह न्यायसंगत कार्रवाई नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी को बैठक के दौरान अभद्रता करने जैसे मामले में केवल परिनिंदा करके नहीं छोड़ा जा सकता। इस मामले में पीड़ित शलभ सियोते ने खुद कहा है कि उसके साथ सबके सामने अभद्रता की गई थी, जिसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों को मय साक्ष्य के की थी, तब भी एकतरफा कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा है कि उक्त मामले में वे पुन: कार्रवाई की मांग करेंगे। पूर्व में भरत अरोरा आरोपों से इंकार करते रहे हैं। यह भी कह चुके हैं कि जो कुछ हुआ वह आवेश में आकर हुआ था। उनकी मंशा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।