भोपाल । मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर समेत 41 जिलों से मानसून की वापसी हो गई है। 8 अक्टूबर को ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर और नीमच से मानसून की विदाई हुई थी। वहीं, 9 अक्टूबर को भोपाल-इंदौर समेत 37 जिलों से मानसून की रवानगी हुई। अब इंदौर, होशंगाबाद और जबलपुर संभाग के 11 जिले बाकी बचे हैं, जहां से भी मानसून जल्द विदा ले लेगा। अबकी बार मानसून ने जून में दस्तक दे दी थी। शुरुआत में झमाझम बारिश हुई थी, लेकिन जुलाई में लगे ब्रेक ने चिंता बढ़ा दी थी। हालांकि, अगस्त में रिमझिम और सितंबर में 5 सिस्टम से हुई बारिश ने कोटा पूरा कर दिया। प्रदेश भर के डैम-तालाब भर गए हैं। इस कारण पीने और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी हो गया है। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि अब तक सामान्य बारिश का 38 इंच पानी गिर चुका है। पिछले पांच साल में दूसरी बार मानसून की अक्टूबर में रवानगी हो रही है।
यहां से हुई वापसी
8 अक्टूबर को ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर और नीमच से मानसून की विदाई हुई। विदा होने की सामान्य तारीख 30 सितंबर है। इस हिसाब से अबकी बार 8 दिन की देरी से मानसून ने वापसी की है। 9 अक्टूबर को भोपाल, सागर, रीवा और शहडोल संभाग के सभी जिलों से विदाई हो गई। वहीं भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, मंदसौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, धार, इंदौर, आगर, देवास, शाजापुर, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, जबलपुर, मंडला और डिंडोरी जिलों से भी वापसी हुई। यहां 4 दिन की देरी से मानसून ने विदाई ली है। अमूमन 5 अक्टूबर को मानसून की वापसी हो जाती है।
गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो तकनीकी रूप से मानसून की विदाई जरूर होगी, लेकिन कुछ समय तक गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। इस कारण 15 अक्टूबर तक कहीं-कहीं बारिश भी होगी। उसके बाद भी बारिश जारी रहेगी, लेकिन वह मानसून की बारिश नहीं होगी। मौसम केंद्र, भोपाल के अनुसार अगले 24 घंटे में छिंदवाड़ा, बैतूल, खरगोन, बड़वानी और धार जिले में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी हो सकती है।