भोपाल । दशहरा सत्य, धर्म, और सच्चाई की जीत का प्रतीकात्मक पर्व है। दशहरा सर्वार्थ सिद्धि योग, कुमार योग एवं रवि योग में मनाया जाएगा। दशहरा पर्व पर शमी वृक्ष का पूजन किया जाता है। दुर्गा पूजा के उपरांत अभिमान, अत्याचार, एवं बुराई पर सत्य, धर्म ,और अच्छाई की विजय का प्रतीक दशहरा शुक्रवार को मनाया जाएगा। दशहरा विजयदशमी पर्व सिद्धि दायक तिथि मानी जाती है। इसलिए इस दिन सभी तरह के शुभ कार्य किए जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, व्यापार का आरंभ, नामकरण , कर्ण छेदन, यगोपवित संस्कार और भूमि पूजन आदि कार्य करना शुभ होता है। विजयदशमी के दिन विवाह संस्कार को निषेध माना गया है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। वही इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संघार भी किया था। सोनी ने बताया इस दिन सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। वही श्रवण नक्षत्र सुबह 9:16 तक इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। दशमी तिथि का प्रारंभ 14 अक्टूबर को शाम 6:52 से प्रारंभ होकर 15 अक्टूबर को शाम 6:02 तक समाप्त होगा। सर्वसिद्धि योग, कुमार योग सूर्य से सुबह 9:16 तक तथा रवि योग पूरे दिन एवं रात तक रहेगा।
शमी वृक्ष के पूजन से बढ़ती है सुख समृद्धि
महाभारत काल में पांडवों ने शमी के वृक्ष के ऊपर अपने अस्त्र शस्त्र छुपाए थे। इसके बाद युद्ध में उन्होंने कौरव पर जीत हासिल की है। इसलिए इस दिन शमी वृक्ष की पूजा करने से शत्रु पर विजय मिलती है तथा घर परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है।