ताइपे । चीन द्वारा पड़ोसी देश ताइवान पर लगातार दवाब बनाकर उनके विलय के प्रस्ताव को मनवाने की कोशिस करने वाले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक दिन बाद ही ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने करारा जवाब दे दिया है। ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर रविवार को दिए अपने जोशीले भाषण में त्साई इंग वेन ने कहा कि हम चीन के आगे झुकेंगे नहीं और अपने देश की रक्षा क्षमता को लगातार बढ़ाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमें कोई चीन के बनाए रास्ते पर चलने के लिए मजबूर नहीं कर सके। त्साई इंग वेन ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब ताइवान और चीन के बीच युद्ध जैसे हालात बनते दिखाई दे रहे हैं। इस खतरनाक माहौल में ताइवान ने रविवार को अपने राष्ट्रीय दिवस पर अपनी एकजुटता का शक्ति प्रदर्शन भी किया। ताइवानी राष्ट्रपति ने कहा, 'हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को लगातार बढ़ाते रहेंगे और अपनी सुरक्षा खुद करने की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करेंगे ताकि कोई भी ताइवान को चीन के बनाए रास्ते पर चलने के लिए मजबूर नहीं कर सके।'
ताइवानी राष्ट्रपति ने कहा कि चीनी रास्ता ऐसा है जो न तो स्वतंत्रता देता है और न ही लोकतंत्र। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 72 साल में चीन और ताइवान के संबंध पहली बार इतने जटिल हो गए हैं। ताइवानी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब चीन ने ताइवान पर सैन्य और राजनीतिक दबाव काफी बढ़ा दिया है। चीनी वायुसेना के फाइटर जेट लगातार ताइवान के हवाई रक्षा क्षेत्र के पास से गुजर रहे हैं और धमकाने में लगे हुए हैं। इससे पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को कहा था कि ताइवान का 'शांतिपूर्ण तरीके से' विलय होगा।
ताइवान और चीन के पुन: एकीकरण की जोरदार वकालत करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को कहा था कि ‘ताइवान प्रश्न’ का मुद्दा सुलझाया जाएगा और ‘शांतिपूर्ण एकीकरण’ दोनों पक्षों के हितों में है। शी ने कहा कि ताइवान के मुद्दे पर किसी भी तरह के विदेशी हस्तक्षेप’ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चीन की बढ़ती आक्रमता के मद्देनजर अमेरिका और जापान ताइवान के प्रति अपना समर्थन बढ़ा रहे हैं जिसकी पृष्ठभमि में चीन की यह टिप्पणी आई है।
शी की यह टिप्पणी चीन द्वारा लगातार चौथे दिन ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में बड़ी संख्या में युद्धक विमान भेजे जाने के बाद आई है। ताइवान खुद को एक संप्रभु राष्ट्र मानता है लेकिन चीन इसे एक अलग प्रांत के रूप में देखता है। चीन ने एकीकरण के लिए ताकत का इस्तेमाल करने की संभावना से इनकार नहीं किया है। शी ने देश के साम्राज्यवादी वंश को खत्म करने वाली क्रांति की 110वीं वर्षगांठ के मौके पर यहां के ग्रेट हॉल में कहा कि चीन के एकीकरण के रास्ते में ‘ताइवन स्वतंत्रता’ बल मुख्य बाधक है। वह (शी) चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के महासचिव भी हैं। शी जिनपिंग के इस बयान के बाद अब ताइवान ने करारा जवाब दिया है और कहा है कि केवल ताइवान की जनता ही अपने भविष्य का फैसला कर सकती है।