नई दिल्ली । राजधानी की सड़कों पर अब दोबारा से यातायात पुलिसकर्मियों ने छिपकर चालान काटने की परंपरा को शुरू कर दिया है। यातायात पुलिसकर्मी पेड़ों, शेड और ग्रिल के पीछे छिपकर वाहन चालकों का इंतजार करते हैं, जैसे ही वे उल्लंघन करते हैं, उनका चालान काट देते हैं। इसको लेकर पुलिसकर्मियों और चालकों के बीच जमकर बहस भी होती है। जबकि यातायात पुलिस के उच्च अधिकारियों ने पिछले साल छिपकर चालान नहीं काटने के आदेश पारित किए थे।
सुप्रीम कोर्ट के पास सड़क के दोनों ओर यातायात पुलिसकर्मी पेड़ों और ग्रिल के पीछे खड़े रहते हैं और वाहन चालकों को आसानी से दिखाई नहीं पड़ते हैं। अचानक वाहनों के आगे आकर वह चालकों को रोकते हैं और चालान काटते हैं। हालांकि, पुलिसकर्मी ऐसे ही लोगों को रोकते हैं, जो लाल बत्ती तोड़कर आ रहे हों या फिर फोन पर बात करते हुए वाहन चला रहे हों। वहीं, आइटीओ फ्लाईओवर के नीचे और मंडी हाउस के पास पुलिसकर्मी फ्लाईओवर व मेट्रो के पिलर के नीचे छिपे रहते हैं और वहां से निकलने वाले वाहन चालकों के चालान काटते हैं।
इन स्थानों पर चालान काटने की ताक में रहते हैं पुलिसकर्मी
आइटीओ, पुराना किला, मंडी हाउस, राजघाट, कश्मीरी गेट, मजनू का टीला, आर्य समाज रोड, आनंद पर्वत, यमुना विहार, रोहिणी मेट्रो स्टेशन, दिलशाद गार्डन, आनंद विहार, प्रीत विहार समेत अन्य इलाकों में पुलिसकर्मी छिपकर खड़े रहते हैं।
पुलिसकर्मियों की जान को भी रहता है खतरा
उच्च अधिकारियों का कहना है कि छिपकर चालान काटने से पुलिसकर्मियों को जान का खतरा रहता है। कई हादसों में पुलिसकर्मी चालान काटते वक्त घायल भी हो चुके हैं। इसके चलते ही उन्हें छिपकर चालान काटने से मना किया गया था। वहीं, विशेष पुलिस आयुक्त यातायात मुक्तेश चंद्र का कहना है कि पुलिसकर्मी ऐसा कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।