चंडीगढ़। हरियाणा में पिछले दस माह से चल रहे किसान संगठनों के आंदोलन से लोग तंग आ चुके हैं। सिंघु व टीकरी बार्डर के आसपास के करीब दो दर्जन गांवों के लोग बृहस्पतिवार को राजधानी चंडीगढ़ पहुंचे तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर बंद रास्ते खुलवाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए बार्डर के रास्ते खुलवाने का पूरा प्रयास कर रही है। चार अक्टूबर को यह रास्ते खुलवाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है, जिसके बाद वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर पूरी स्थिति से अवगत कराएंगे।
राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से जल्द रास्ते खुलवाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा और सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल इस बातचीत के दौरान मौजूद रहे। बंद रास्तों के कारण हो रही परेशानी से बार्डर क्षेत्र के लोगों में बेहद आक्रोश है। ग्रामीणों ने एक-एक कर अपनी परेशानियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि रास्ते बंद होने से वे बर्बादी के कगार पर आ गए हैं। ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के छोटे दुकानदारों ने भी अपनी परेशानी को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बार्डर के पास दुकानदारों और शोरूम मालिकों के काम-धंधे पूरी तरह ठप हो गए हैं। हालात ये हैं कि कामकाज ठप होने के कारण लोगों के सामने पलायन करने की स्थिति आ गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा ध्येय माहौल को ठीक बनाए रखते हुए रास्ते खुलवाने का है। सुप्रीम कोर्ट ने रास्ते खुलवाने वाली याचिका में संयुक्त किसान मोर्चा को पार्टी बनाए जाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारी और दुकानदारों को हो रहे नुकसान को लेकर वे चिंतित हैं। गांवों से होकर गुजरने वाली लिंक सड़कों को ठीक करवाने के लिए संबंधित विभागों को आदेश देकर प्राथमिकता से काम कराने को कहा गया है। चार अक्टूबर को कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है। इसके बाद वे केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे और जल्द ही स्थिति सामान्य होगी।
पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने के सीएम ने दिए आदेश
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि रास्ते बंद किए बैठे लोग स्थानीय निवासियों के जी का जंजाल बन गए हैं। आए दिन मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। रात के समय स्थानीय लोगों का वहां से आना-जाना दुश्वार हो गया है। ग्रामीणों ने दिन और रात दोनों वक्त पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की पेट्रोलिंग तुरंत बढ़ाई जाएगी। ग्रामीणों ने कहा कि बार्डर पर रास्ते बंद होने से आसपास के गांवों के बच्चों का स्कूलों में जाना लगभग बंद हो गया है। इससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।
आपात स्थिति में अस्पताल न पहुंचने से हुई मौतें
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि आपातकालीन स्थिति में अस्पताल न पहुंचने से भी कई मरीजों की मौत हो चुकी है। ऐसा भी नहीं है कि रात में किसी की हालत बिगड़े तो उसे आसानी से अस्पताल पहुंचाया जा सके। प्रतिनिधिमंडल में शामिल कई ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि रास्ते बंद होने के कारण ट्रांसपोर्ट का काम बिल्कुल ठप हो गया है। मुख्य रास्ता बंद है। आसपास के रास्तों की हालत इतनी खराब है कि आए दिन गाड़ियों में नुकसान होता है। रास्ता बंद किए बैठे लोग झगड़ा करते हैं।