भोपाल । के राजा भोज एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अभी तक शुरू नहीं हो सकी हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरोब्रिज शुरू हो गया है। सात करोड़ रुपये की लागत से बने ब्रिज का लोकार्पण गुरुवार शाम को हुआ। एयरोब्रिज बनने के साथ ही राजधानी में ड्रीमलाइनर एवं जंबो विमान लैंड होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। नए ब्रिज से बड़े विमान आसानी से अटैच हो सकेंगे।
एयरपोर्ट अथारिटी ने तीसरे एयरोब्रिज के निर्माण पर करीब सात करोड़ रुपये खर्च किए हैं। तीन साल में काम पूरा हुआ है। ब्रिज का काम चीन की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी शेनजेन सिम्क टियांडा एयरपोर्ट सपोर्ट लिमिटेड ने किया है। कुछ उपकरण इटली से आयात किए गए हैं। आधुनिक उपकरणों की मदद से बने ब्रिज से इंटरनेशनल स्तर के विमान अटैच हो सकते हैं। अभी तक भोपाल में दो एयरोब्रिज थे। कभी-कभी एयर बस स्तर के तीन विमान एक साथ लैंड होते हैं। ऐसे समय में एक विमान को साधारण ट्रैक से आना पड़ता था। अब तीन विमान ब्रिज से अटैच हो सकेंगे।
एयरोब्रिज तक पहुंचने के लिए एयरपोर्ट अथारिटी ने एसी ट्रैक का निर्माण कराया है। एसी ट्रैक को अंतरराष्ट्रीय मापदंड के अनुसार बनाया गया है। यदि भविष्य में इंटरनेशनल उड़ानें शुरू होती हैं तो इसी ब्रिज का उपयोग होगा। सांसद साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर एवं विधायक रामेश्वर शर्मा इसी ट्रैक से होकर ब्रिज तक पहुंचे और लोकार्पण किया। इस अवसर पर एयरपोर्ट डायरेक्टर केएल अग्रवाल, सीआइएसएफ के डिप्टी कमांडेंट मानसिंह एवं एयरलाइंस कंपनियों के अधिकारी उपस्थित थे।
डेढ़ साल में चौथा ब्रिज भी तैयार होगा
एयरपोर्ट अथारिटी ने भविष्य में भोपाल से इंटरनेशनल उड़ानें शुरू होने की संभावना को देखते हुए चौथे एयरोब्रिज का काम भी शुरू कर दिया है। इसका काम लगभग डेढ़ साल में पूरा होगा। भविष्य में देश के प्रमुख हवाई अड्डों की तरह भोपाल एयरपोर्ट का भी निजीकरण किया जा सकता है, इस दृष्टि से चार एयरोब्रिज होना अथारिटी के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।