जयपुर । राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने प्रदेश में गहराते बिजली संकट को लेकर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को बिजली जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रखना, साफ तौर पर राज्य सरकार की विफलता है। जो घरेलू बिजली हमारे कार्यकाल में 24 घंटे मिला करती थी, आज गांवों में 24 मिनट भी नहीं मिल रही। कटौती से शहरों में भी लोग परेशान हैं। प्रदेश के कई बिजली घर बंद हैं और कई बंद होने की स्थिति में हैं।
वसुंधरा राजे ने कहा, प्रदेश में बिजली संकट से हमारे उद्योग तो प्रभावित हो ही रहे हैं। खेती और बच्चों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है। राज्य सरकार ने कोयले का भुगतान सही समय पर नहीं किया। इसलिए यह परेशानी खड़ी हुई है। कोयले की कमी से ही पर्याप्त बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा। मेरे कार्यकाल में भुगतान समय से होता था। इसलिए कोयले की कभी कमी नहीं आई। उस वक्त बिजली उत्पादन होता रहा। अब दाम ज्यादा, बिजली गुल राजे ने कहा- हमारा बिजली प्रबंधन इतना मजबूत था कि बिजली की कमी तो दूर, बिजली सरप्लस रहती थी। आज हालत ऐसे बन गए हैं कि अब आम उपभोक्ता से लेकर किसान और इंडस्ट्री तक को परेशानी हो रही है। बिजली का स्थायी शुल्क और एनर्जी चार्ज बढ़ा कर इस सरकार ने उपभोक्ताओं पर भारी बोझ डाला है। वास्तविक रीडिंग की बजाय लोगों को एवरेज बिल थमाए जा रहे हैं। हमारे समय में दाम कम, बिजली फुल थी। अब दाम ज़्यादा, बिजली गुल है।