गोरखपुर | कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपित दारोगा राहुल दूबे और विजय यादव के गिरफ्तारी की चर्चा तेज हो गई है। जानकारी लेने के लिए मंगलवार की सुबह से रामगढ़ताल थाने, पुलिस आफिस में मीडियाकर्मियाें की भीड़ जुट गई।गोरखपुर पुलिस और एसआइटी के अधिकारी किसी भी हत्यारोपित पुलिसकर्मियों के पकड़े जाने से इन्कार कर रहे हैं।
मुख्य आरोपित इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और दारोगा अक्षय मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद चार अन्य आरोपित पुलिसकर्मियों को पकड़ने की कवायद तेज हो गई है। क्राइम ब्रांच, रामगढ़ताल पुलिस के साथ ही एसआइटी कानपुर की टीम गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, लखनऊ के साथ ही आरोपितों के हर संभावित ठिकानों पर पिछले 14 दिन से छापेमारी कर रही है।लेकिन दारोगा राहुल दूबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव, आरक्षी प्रशांत पकड़ से दूर हैं। सोमवार की सुबह आरोपितों के सीजेएम कोर्ट में सरेंडर करने की सूचना पर कचहरी पुलिस छावनी में तब्दील कर दी गई थी।
एसपी सिटी की अगुवाई में फोर्स पूरे दिन सीजेएम कोर्ट के आसपास मुस्तैद रही। एक लाख के इनामी हत्यारोपित पुलिसकर्मियों को पहचानने वाले दारोगा व सिपाही कचहरी गेट पर खड़े रहे।चर्चा है कि कोर्ट में सरेंडर करने की कोई संभावना न दिखने पर आरोपितों ने गोरखपुर में तैनात अपने करीबी पुलिसकर्मियों से संपर्क किया। जिनके जरिए गिरफ्तारी को मैनेज करने की प्रक्रिया चल रही है। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि फरार चल रहे हत्यारोपित पुलिसकर्मियों की तलाश चल रही है।