झारखंड | के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। हर स्तर के अस्पतालों में आवश्यक उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इसके लिए सबसे पहले राज्य सरकार विभिन्न अस्पतालों में पदस्थापित या प्रतिनियुक्त विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों की संख्या और कार्यों की समीक्षा करेगी।
कम मरीज वाले अस्पतालों के विशेषज्ञ ज्यादा लोड वाले चिकित्सालयों में भेजे जाएंगे
समीक्षा के बाद जिन अस्पतालों में मरीजों की संख्या ज्यादा होगी, उन अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों का पदस्थापन क्रमबद्ध तरीके से किया जाएगा। साथ ही कम लोड वाले अस्पतालों के डॉक्टर अधिक मरीज वाले अस्पतालों में भेजे जाएंगे, ताकि इन विशेषज्ञ चिकित्सकों का सही लाभ राज्य की जनता को मिल सके। उन्हें इलाज के लिए भटकना नहीं पड़े।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि रिम्स का लोड कम किया जाएगा। रिम्स बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए है। छोटी-छोटी बीमारियों के उपचार के लिए भी मरीज रिम्स आते हैं, इससे रिम्स पर लोड बढ़ता है। इसके लिए जरूरी है कि हमारे अन्य अस्पतालों में भी विशेषज्ञ उपचार की सुविधा उपलब्ध हो और उसका लाभ मरीजों को मिले। इस संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिन अस्पतालों में सभी विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध नहीं हो पाएंगे, वहां पीपीपी मोड पर सभी प्रकार की स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
अस्पतालों में हॉस्पिटल मैनेजर की होगी नियुक्ति
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि राज्य के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए हॉस्पिटल मैनेजर या एडमिनिस्ट्रेशन एग्जीक्यूटिव का पद सृजित किया जाएगा। इनका दायित्व न सिर्फ मरीजों के एडमिशन से लेकर डिस्चार्ज तक की प्रक्रिया की समुचित निगरानी करना होगा, बल्कि अस्पताल की पूरी प्रक्रिया को सुगम बनाते हुए मरीजों के कठिन समय में सहयोग प्रदान करना भी होगा।
सेना या पारामिलिट्री के स्वास्थ्य सेवा से रिटायर बनेंगे मैनेजर
इन पदों पर नियुक्ति में सेना या पारामिलिट्री के स्वास्थ्य सेवा से रिटायर हुए या हॉस्पिटल मैनेजमेंट में दक्ष व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। हॉस्पिटल मैनेजर या एडमिनिस्ट्रेशन एग्जीक्यूटिव पर विभिन्न विभागाध्यक्षों के साथ समन्वय बनाते हुए अस्पताल प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण पेश करने की जिम्मेवारी होगी। इसके लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है। राज्य सरकार झारखंड के विभिन्न अस्पतालों में पदस्थापित या प्रतिनियुक्त विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों की संख्या और कार्यों की समीक्षा भी करेगी।
कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिला अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीज यदि नियमित रूप से भर्ती किए जाते हैं तो आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पताल को सुदृढ़ किया जा सकता है। योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि से अस्पताल को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्थानीय जरूरतों की पूर्ति की जा सकती है। साथ ही अस्पताल में कम वेतन पर कार्यरत कर्मियों को भी इससे आर्थिक लाभ मिल सकेगा।