पाकिस्तान | की एक अदालत ने 5 अक्टूबर को मौत की सजा पाए कुलभूषण जाधव को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने के लिए भारत को और वक्त दिया है। भारतीय नौसेना के 51 साल के रिटायर्ड अधिकारी जाधव को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव को कांसुलर एक्सेस से पाकिस्तान के इनकार करने और मौत की सजा को चुनौती देते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) का दरवाजा खटखटाया था। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद ICJ ने जुलाई 2019 में एक फैसला दिया। इसमें पाकिस्तान से कहा गया कि वह जाधव को कांसुलर एक्सेस दे और उसकी सजा की समीक्षा भी सुनिश्चित करे।
5 अक्टूबर को इस्लामाबाद हाई कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने जाधव के लिए एक वकील नामित करने के संबंध में कानून मंत्रालय द्वारा मामले की सुनवाई की। पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने अदालत को बताया कि 5 मई को पारित एक आदेश में अधिकारियों से वकील की नियुक्ति के लिए भारत से संपर्क करने को कहा गया था। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि भारत को मेसेज दिया गया था लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
खान ने अदालत को बताया कि भारत एक अलग कमरे में जाधव से कांसुलर एक्सेस चाहता है लेकिन उसे भारतीय प्रतिनिधियों के साथ अकेले छोड़ने का जोखिम नहीं उठाया जा सकता है। खान का दावा है कि पाकिस्तान ICJ की समीक्षा और पुनर्विचार के फैसले को लेकर कोशिश कर रहा है लेकिन भारत राह में रोड़ा अटका रहा है। वकील की नियुक्ति को लेकर खान ने कहा कि भारत बाहर से वकील नियुक्त करना चाहता है लेकिन हमारा कानून इसकी इजाजत नहीं देता और भारत भी अपने क्षेत्र में ऐसा ही करता है।
चीफ जस्टिस मिनल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान ICJ के फैसले को लागू करना चाहता है। ऐसे में क्या उन्हें एक और मौका देना बेहतर नहीं होगा ताकि वे अदालत के सामने अपनी आपत्तियां रख सकें।
समीक्षा के मसले पर कोई प्रगति नहीं हुई है क्योंकि भारत ने एक स्थानीय वकील को नियुक्त करने से इनकार कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान से मांग की है कि एक भारतीय बकील को अदालत में जाधव का प्रतिनिधित्व करने दिया जाए। भारत ने पाकिस्तान से जाधव के मामले में समीक्षा की सुविधा के लिए लाए गए विधेयक में कमियों को दूर करने को कहा है।