बिहार | एसटीएफ का सिपाही बताकर दो युवकों ने एक जेवरात व्यवसायी को पीटा फिर 3.79 लाख का सोना लेकर फरार हो गये। यह घटना पीरबहोर थाना इलाके से कुछ ही दूरी पर स्थित चर्च के समीप बीते मंगलवार की दोपहर तीन बजे हुई। व्यवसायी का नाम लाल गुप्ता है। वे आरा जिले के बिहिया के मूल निवासी हैं।
बाकरगंज से वे सोना खरीदकर ऑटो पकड़ने के लिये पैदल ही गांधी मैदान जा रहे थे। तभी चर्च के सामने बाइक सवार दो अपराधियों ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद खुद को एसटीएफ का सिपाही बताकर उनके बैग को खंगालने लगे। जब लाल गुप्ता ने दोनों युवकों से चेकिंग कारण पूछा तो उन्होंने उनके गाल पर तामाचा जड़ दिया।
इसके बाद अपराधियों ने बैग में रखे 3.79 लाख के सोने को बड़ी सफाई से निकाल लिया। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों सब्जीबाग की ओर भागे। जब व्यवसायी ने अपना बैग देखा तो उसमें जेवरात नहीं मिले। इसके बाद उन्होंने पीरबहोर थाने में शिकायत की।
सीसीटीवी कैमरे में नहीं दिख रहे अपराधी
अपराधी सीसीटीवी कैमरे में नहीं दिख रहे हैं। जबकि व्यवसायी को गांधी मैदान की ओर जाते देखा गया है। पुलिस अन्य जगहों पर लगे कैमरों को खंगाल रही है ताकि अपराधियों की तस्वीर और उनके बाइक का नंबर सामने आ सके। अगर कैमरे में अपराधियों की तस्वीर कैद मिली तो पुलिस के हाथ तुरूप का पत्ता लग सकता है।
रेकी कर रहे थे बदमाश
इस घटना को अंजाम देने से पहले बदमाशों ने जेवरात व्यवसायी की रेकी की है। उन्हें पता था कि व्यवसायी के पास जेवरात हैं। लिहाजा मौका मिलते ही उन्होंने घटना को अंजाम दे डाला।
लगातार दूसरी घटना से पुलिस हलकान
बीते आठ सितंबर को ही अपराधियों ने बक्सर जिले के रहने वाले दवा व्यवसायी से पुलिस वाला बनकर पांच लाख रुपये ले लिये थे। उस वक्त भी अपराधियों ने खुद को एसटीएफ का सिपाही बताया था। इसके बाद उन्होंने दवा व्यवसायी के बैग की चेकिंग की थी और धोखे से रुपये निकाल लिये थे।
बाद में दवा व्यवसायी को अपने साथ हुई ठगी का पता चला। इस घटना के एक महीने के अंदर अपराधियों ने पीरबहोर इलाके में दोबारा खुद को सिपाही बताकर जेवरात व्यवसायी के रुपये ले लिये। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से यह स्पष्ट होगा कि दोनों घटनाओं में एक ही गैंग का हाथ था या नहीं।