वॉशिंगटन । ट्रंप प्रशासन में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रहे जनरल एचआर मैकमास्टर ने आतंकियों के साथ पाकिस्तान के संबंधों को लेकर जमकर खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने अमेरिकी संसद की शक्तिशाली समिति के सामने कहा कि हमें पाकिस्तान को एक पैसा भी नहीं भेजना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान को अंतराष्ट्रीय स्तर पर अगल-थलग करने की मांग भी की। एच आर मैकमास्टर ने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद की गई उनकी टिप्पणियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हक्कानी नेटवर्क, तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों सहित अन्य जिहादी आतंकवादियों को समर्थन देने के लिए पाकिस्तानी नेतृत्व को अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग-थलग कर देना चाहिए। ट्रंप प्रशासन के दौरान एनएसए रहे जनरल (सेवानिवृत्त) एचआर मैकमास्टर ने अफगानिस्तान पर कांग्रेस की शक्तिशाली समिति के समक्ष गवाही देते हुए पाकिस्तान पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि यह सोचना भ्रम है कि तालिबान या तालिबान के माध्यम से मानवीय उद्देश्यों के लिए जाने वाले किसी भी धन का उपयोग आम लोगों के लिए खर्च होगा।
उन्होंने कहा कि तालिबान इस पैसे का उपयोग अपनी शक्ति को मजबूत करने तथा पहले से भी बड़ा खतरा बनने के लिए तुरंत करेगा। उन्होंने कहा कि इसलिए हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हम वास्तव में एक असाधारण दुविधा का सामना कर रहे हैं कि तालिबान को सशक्त किए बिना मानवीय संकट को कम करना हमारे लिए बहुत कठिन होने वाला है। मैकमास्टर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें पाकिस्तान को बिल्कुल भी सहायता देनी चाहिए। मुझे लगता है कि पाकिस्तान ने हर तरह से बहुत लंबे समय तक लाभ लिया है। मुझे लगता है कि पाकिस्तान का सामना इन वर्षों में उसके व्यवहार से कराया जाना चाहिए जो वास्तव में बड़े पैमाने पर इस तरह के कदम को सही साबित करते हैं। पूर्व एनएसए ने कहा कि मुझे लगता है कि काबुल पर तालिबान के कब्जे पर आई उनकी टिप्पणियों के लिए हमें इमरान खान को जिम्मेदार ठहराना चाहिए और अफगान लोगों को बंधनमुक्त कर दिया गया है। हम किसी भी हालत में पाकिस्तान को एक पैसा क्यों भेजें? मुझे लगता है कि हक्कानी नेटवर्क, तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों सहित अन्य जिहादी आतंकवादियों के लिए उनके समर्थन के कारण उन्हें अंतरराष्ट्रीय अलगाव का सामना करना चाहिए जो मानवता के लिए खतरा हैं। ट्रंप प्रशासन के दौरान ही अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सुरक्षा सहायता पर रोक लगा दी थी। बाइडन प्रशासन ने अभी तक सुरक्षा सहयोग को फिर से शुरू नहीं किया है। इमरान खान इस पैसे को पाने के लिए अमेरिका को मनाने में जुटे हैं। यही कारण है कि कुछ महीने पहले पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुईद यूसुफ ने अपने अमेरिकी समकक्ष जैक सुविलन से दो-दो बार मुलाकात की थी।