आयोग को दिये प्रतिवेदन में राज्य सरकार ने डेंगू नियंत्रण की दी जानकारी
प्रदेश में (विशेषतः जबलपुर में) डेंगू के बढ़ते मामलों पर स्वसंज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने 23 अगस्त 2021 को मुख्य सचिव, म.प्र. शासन तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, स्वास्थ्य सेवाएं से जवाब मांगा था। आयोग ने इन अधिकारियों से पूछा था कि राज्य में डेंगू नियंत्रण को लेकर क्या व्यवस्थाएं एवं तैयारियां की गई हैं ? इस संबंध में आयोग को प्रतिवेदन मिल गया हैै।
अवर सचिव, म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने आयोग को बताया है कि संचालनालय, स्वास्थ्य सेवायें, द्वारा प्रदेश में डेंगू नियंत्रण हेतु विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में 15 सितम्बर 2021 को माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा प्रदेश में ‘‘डेंगू पर प्रहार’’ नामक अभियान प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत सभी जिलों में डेंगू रोग के संबंध में सावधानी, बचाव एवं रोकथाम के उपायों का निरंतर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके साथ ही सभी जिलों में डेंगू नियंत्रण की गतिविधियों को और अधिक सुदृढ़ करते हुए डेंगू रोग की रोकथाम के सभी प्रयास किये जा रहे हैं। प्रतिवेदन में अवर सचिव ने जबलपुर, ग्वालियर एवं इंदौर जिले की वास्तविक स्थिति की जानकारी दी है। साथ ही बताया है कि प्रदेश के सभी जिलों में डेंगू नियंत्रण के लिये सभी आवश्यक उपाय एवं प्रयास लगातार किये जा रहे हैं।
प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार जिला चिकित्सालय, जबलपुर में 22 अगस्त 2021 को बुखार के 28 मरीज भर्ती हुए थे, जिनकी रक्त पट्टी संग्रह की गई, जिसमें से मलेरिया पाॅजीटिव शून्य था। तेईस अगस्त 2021 को डेंगू की जांच कराये जाने पर 5 मरीज डेंगू पाॅजीटिव पाये गये जो पूर्णतः स्वास्थ्य लाभ लेकर डिस्चार्ज हो गये। बाईस अगस्त 2021 तक 5165 डेंगू सेम्पलों की जांच की गई, जिसमें 333 डेंगू पाॅजीटिव पाये गये। शहर के सभी डेंगू पाॅजीटिव क्षेत्रों में सख्त प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा रही है। जबलपुर जिले में डेंगू की स्थिति वर्तमान में नियंत्रण में है। डेंगू की जांच/उपचार एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियां लगातार की जा रही हैं।
ग्वालियर जिले में डेंगू नियंत्रण हेतु क्षेत्रवार एण्टीलार्वा सर्वे टीम का गठन किया गया है। प्रत्येक घर में एकत्रित पानी, जिसमें जल भराव एवं कूलरों, हौदियों, टंकियों में एकत्रित जल का सर्वे टीम के सदस्यों द्वारा किया जाता है। सर्वे के दौरान मलेरिया निरीक्षक व जूनियर मलेरिया निरीक्षक संबंधित सर्वे क्षेत्र में प्रचार-प्रसार, जागरूकता गतिविधियों जैसे - चौपाल, बैठक, सामाजिक जुड़ाव कार्यशाला, पेम्पलेट्स चस्पा करना, आशा कार्यकर्ताओं से नारा लेखन, संदेहास्पद बुखार रोगी की जांच व मौलिक उपचार हेतु जिला अस्पताल एवं जयारोग्य अस्पताल रेफर किया जाता है। जिले में डेंगू नियंत्रण के लिये सभी आवश्यक उपाय लगातार किये जा रहे हैं।
इंदौर जिले में 9 सितम्बर 2021 तक 95 डेंगू मरीज तथा 2 मरीज मलेरिया के रिपोर्ट हुए थे। शहर में लार्वा एवं मच्छर के नियंत्रण हेतु जिला प्रशासन, नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से चरणबद्ध कार्यक्रम के जरिये रोकथाम एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियां की जा रही हैं। इसके अंतर्गत लार्वा सर्वे, फाॅगिंग स्पेस स्प्रे, स्पाॅट फाइन, वाटर चेनेलाइजेशन जैसी गतिविधियां भी संपादित की जा रही हैं। जागरूकता हेतु शहर में व्यापक प्रचार-प्रसार प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, एफ.एम. रेडियो, माईकिंग, आई.ई.सी. के माध्यम से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। हेल्थ वर्कर जैसे - आशा, एएनएम, एमपीडब्ल्यू को ट्रेनिंग देकर प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियों के लिये दक्ष किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त संपूर्ण राज्य स्तर पर भी डेंगू नियंत्रण के लिये विभिन्न प्रयास जारी हैं।
राज्य शासन द्वारा दिये गये इस तथ्यात्मक प्रतिवेदन को स्वीकार करते हुए मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग में अब यह प्रकरण समाप्त कर दिया गया है।