दिल्ली | में आज से शराब की 260 निजी दुकानें पूरी तरह से बंद हो गई हैं। अब 16 नवंबर तक सिर्फ 460 सरकारी दुकानों से ही शराब की बिक्री होगी। इससे कुछ इलाकों (खासकर सीमावर्ती) में शराब की किल्लत होने के आसार हैं। ऐसे में अवैध बिक्री का भी अंदेशा है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने आबकारी और पुलिस विभाग की संयुक्त टीमें बनाई हैं, जो नियमित रूप से निगरानी रखेंगी। उधर, गुरुवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में निजी दुकानों पर लोगों की खासी भीड़ भी देखी गई।
शराब बिक्री को लेकर दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति लेकर आई है। इसके तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटकर शराब बिक्री के लाइसेंस आवंटित किए गए हैं। 17 नवंबर से नई नीति के तहत आवंटित दुकानों से शराब की बिक्री शुरू होगी। इसके बाद पहले के मुकाबले शराब की दुकानों में इजाफा होगा। कुल दुकानों की संख्या बढ़कर 850 हो जाएगी, लेकिन उससे पहले विभाग के समाने कई चुनौतियां है।
अब करीब डेढ़ महीने के लिए दिल्ली में उन इलाकों की संख्या बढ़ जाएगी, जिनमें शराब की एक भी दुकान नहीं होगी। साथ ही, अब दिल्ली में कुल दुकानों की संख्या 720 से घटकर 460 रह जाएगी, जिनमें शराब की बिक्री होती रहेगी। दुकानें कम होने से भीड़ बढ़ने की आशंका है। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करना और सप्लाई व्यवस्था को बनाए रखने की भी चुनौती रहेगी।
दिल्ली सरकार के मुताबिक एक अक्टूबर से 16 नवंबर तक पुरानी से नई आबकारी नीति का ट्रांजिशन पीरियड होगा। 17 नवंबर से नई नीति के तहत आवंटित दुकानों से शराब की बिक्री शुरू होगी। शराब की किल्लत न हो इसलिए नई दुकानें खुलने तक सरकारी दुकानें चलती रहेगी।
निजी शराब की दुकानें बंद होने से दिल्ली के 272 वार्ड में 106 वार्ड में एक भी शराब की दुकान नहीं रही है। इसमें 80 वार्ड पहले से ही शामिल हैं और आज से 26 नए वार्ड भी जुड़ गए हैं। इनमें अधिकांश वार्ड यूपी व हरियाणा सीमा से सटे इलाकों में स्थित हैं, जिनमें अब अवैध रूप से शराब की बिक्री होने की भी आशंका बढ़ गई है।
आबकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि 16 नवंबर तक शराब का अवैध कारोबार न हो, इसको लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए है। जिलावार पुलिस के साथ संयुक्त टीम बनाकर निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, हरियाणा व यूपी से सटे सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए, जिससे कि पड़ोसी राज्य से अवैध शराब लाकर न बेची जाए।