मॉस्को । रूस में इन दिनों कोरोना का कहर जारी है। यहां एक दिन में 968 लोगों की मौत हो गई है। यहां दो-दो कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने के बावजूद संक्रमण की रफ्तार और मौत की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। रूस में कोरोना वायरस संक्रमण से शनिवार को रिकॉर्ड 968 लोगों की मौत हुई है। ‘द नेशनल कोरोना वायरस टास्क फोर्स’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि (कोविड-19 से होने वाली मौत की संख्या में) अक्टूबर में दैनिक रिकॉर्ड के साथ लगातार वृद्धि हो रही है। इसमें कहा गया है कि यह सितंबर के आखिर की तुलना में लगभग 100 अधिक दैनिक मौत है। टास्क फोर्स ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि दैनिक संक्रमितों की संख्या 29 हजार हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि देश भर में टीकाकरण की दर कम होने के कारण संक्रमितों की संख्या एवं कोविड-19 से होने वाली मौत की संख्या में इजाफा हुआ है। उप प्रधानमंत्री ने बताया कि देश भर में 33 फीसदी लोगों को कोविड निरोधक टीकों की कम से कम एक खुराक दी गई है। वहीं, रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन तो दुनिया के 67 देशों को सप्लाई की जा रही है, जिसमें भारत भी शामिल है। इसके बावजूद कोरोना वायरस के मामले बढ़ने से रूस में डर फैलने लगा है। माना जा रहा है कि कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार, लोगों और सरकार की लापरवाही, कोरोना का नया स्ट्रेन इसके पीछे जिम्मेदार हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-वी को बनाने का दावा किया था। इसके बाद अक्टूबर में पुतिन ने दूसरी कोरोना वैक्सीन ‘इपीवेककोरोना’ के शुरुआती ट्रायल के बाद मंजूरी दी थी। स्पूतनिक-वी वैक्सीन को लेकर पुतिन ने यह भी दावा किया था कि इससे लोगों के ठीक होने की रफ्तार बढ़ी है और उनकी बेटी को खुद इसकी डोज दी गई है।