भोपाल : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय अपने कार्य क्षेत्र के कम से कम एक गाँव को गोद लेकर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करें। इससे विद्यार्थियों में न सिर्फ समाज-सेवा की भावना उत्पन्न होगी, बल्कि शहरी क्षेत्र के विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश और जीवन शैली से रूबरू होंगे। डॉ. यादव ने आज मंत्रालय में आयोजित विभागीय बैठक में उक्त निर्देश दिए।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गाँवों को गोद लेने वाली संस्था ग्रामों में विद्यार्थियों के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान चलाएँ। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के दृष्टिगत प्रत्येक विद्यार्थी गोद लिए गए गाँव में एक पौधा लगाए और उसकी देखभाल भी करे। डॉ. यादव ने कहा कि शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों तक पहुँचाने में भी विद्यार्थी और शैक्षणिक संस्था अहम भूमिका निभा सकते हैं।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी संस्थान ऑल इंडिया सर्वे आन हायर एजुकेशन (AISHE) पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपनी एन्ट्री करवाएँ। उन्होंने कहा कि इसकी मॉनिटरिंग भी संचालनालय स्तर पर सुनिश्चित हो। इससे प्रदेश की जीईआर में परिवर्तन लाया जा सकता है। डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के 50 शासकीय महाविद्यालयों को बहुविषयक बनाया जायेगा, जिससे एक स्थान पर अधिकतम विषयों की शिक्षा दिए जाने की व्यवस्था हो सके।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए अलग-अलग मॉड्यूल तैयार किए गए हैं। संचालनालय स्तर पर हेल्पडेस्क तथा वाट्सएप समूह का गठन करने की प्रक्रिया चालू है।
अपर आयुक्त उच्च शिक्षा श्री दीपक सिंह ने ख्याति प्राप्त व्यक्तियों के नाम पर शासकीय महाविद्यालयों का नामकरण, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में एफ.ए.क्यू. तैयार करने, गाँव की बेटी एवं प्रतिभा किरण छात्रवृत्ति, उच्च शिक्षा में नवाचार आदि पर विस्तृत जानकारी दी।