भोपाल । राजधानी में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण में बड़ी मुश्किलें पेश आ रही है। भोपाल में अभी भी 28,000 लोगों का पहला डोज लगना बाकी है। भोपाल में इन 28,000 लोगों में से 20 हजार के करीब गर्भवती महिलाएं हैं। वे यह टीका लगवाने के लिए आगे नहीं आ रही हैं। इसकी वजह यह कि उन्हें गलतफहमी है कि टीका लगवाने से उनके गर्भस्थ शिशु को कोई नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से इन महिलाओं को समझाइश दी जा रही है कि टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके बाद भी वे टीका लगवाने के लिए आगे नहीं आ रही हैं। अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर एक नई रणनीति तय की है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं को अस्पताल या अन्य टीकाकरण केंद्र में जाने की जगह आंगनबाड़ी केंद्र में बुलाकर टीका लगाया जा रहा है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इन्हें बुलाकर टीका लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। भोपाल के जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ उपेंद्र दुबे ने बताया कि सोमवार को जिले में 26,000 से ज्यादा लोगों को टीका लगाया गया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को भी कोरोना से बचाव का टीका लगाया जाएगा। जितने लोगों को टीका लगाया जा रहा है, उनमें से करीब 60 फीसद दूसरा डोज और 40 फीसद पहले डोज वाले होते हैं। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि अगर हर दिन 25,000 से ज्यादा लोग टीका लगवाने के लिए आते हैं, तो 23 सितंबर तक पहला डोज लगाने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा। भोपाल में दूसरा डोज अभी करीब 09 लाख लोगों को लगा है। पहला डोज लगवाने वालों का आंकड़ा कम दिखने की एक बड़ी वजह यह भी है कि कई हितग्राहियों ने टीका तो लगवा लिया, लेकिन उनका नाम पोर्टल में दर्ज नहीं है। बता दें कि पूरे प्रदेश में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना से बचाव के टीका का पहला डोज 26 सितंबर के पहले लगाने का लक्ष्य राज्य सरकार ने रखा है।