गाजियाबाद । गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र के बसंतपुर सैंथली गांव में लीलू त्यागी नामक एक शख्स ने संपत्ति के लालच में अपने ही परिवार के पांच लोगों का कत्ल कर डाला। आरोप है कि उसने 20 साल में बारी-बारी इन हत्याओं को अंजाम दिया। सबसे पहले अपने बड़े भाई की हत्या की। फिर अपने भतीजे और दो भतीजियों को मार डाला। हैरानी की बात यह है कि इतने वर्षों में एक के बाद एक हत्याएं होती रहीं और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। पांच में से एक भी हत्या की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं हुई थी। अब उसने दूसरे भतीजे को भी अगवा कर मौत के घाट उतार दिया है। यही नहीं उसके शव को पहासु ले जाकर गंगनहर में फेंक दिया। यह शख्स और उसके दो साथी अब पुलिस की गिरफ्त में है। लीलू से पूछताछ के आधार पर पुलिस उसके भतीजे के शव की तलाश में जुट गई है। इसके लिए बुलंदशहर पुलिस से संपर्क किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार सैंथली गांव के ब्रिजेश का इकलौता बेटा रेशु 8 अगस्त को अचानक लापता हो गया। परिवारवालों ने कई दिनों तक उसकी तलाश की लेकिन जब कुछ पता नहीं चला तो थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। रेशु की तलाश में पुलिस भी जुटी लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और अन्य तरीकों का सहारा लिया। धीरे-धीरे रेशु के गायब होने में ब्रिजेश के छोटे भाई लीलू की भूमिका का पता चलने लगा। उसके खिलाफ कई सबूत भी मिले। फिर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। कड़ाई से पूछताछ की गई तो लीलू ने सारा राज उगल दिया। उसने बताया कि उसने रेशू की हत्या कर दी है। इस जुर्म में उसके साथी सुरेंद्र, विक्रांत व उसके भांजे मुकेश व राहुल ने भी साथ दिया। पहले रेशु को अगवा किया गया फिर मौत के घाट उताकर शव को बुलंदशहर के पहासू में नहर में डाल दिया गया। रेशु की हत्या में लीलू का साथ देने वाला सुरेन्द्र यूपी पुलिस से दो साल पहले सेवानिवृत बताया जा रहा है। वह हापुड़ के नंगोला गांव का रहने वाला है। पुलिस शव की बरामदगी के लिए जुटी है। इसके साथ ही फरार आरोपित विक्रांत और मुकेश को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही है। पुलिस के अनुसार लीलू ने 20 साल पहले अपने बड़े भाई सुधीर की भी हत्या कर दी थी। उसने शव को नदी में फेंक दिया था। इसके बाद उसने सुधीर की पत्नी से खुद शादी कर ली और अपनी भतीजी पायल और पारूल को अपने पास रख लिया। कुछ समय बाद उसने पायल को जहर देकर मार दिया। तीन साल और गुजरे तो पारूल की भी हत्या कर दी। उसने लोगों को बताया कि पारूल कहीं चली गई है। जबकि दोनों भतीजियों के शवों को उसने नदी में फेंक दिया था। इसके बाद सुधीर की संपत्ति पर उसने कब्जा कर लिया। बाद में उसकी जमीन बेचकर प्रापर्टी का काम शुरू कर दिया। लीलू ने मुरादनगर थाने के सामने मकान बनवाकर वहीं रहना शुरू कर दिया। जब उसके पास कोई प्रापर्टी नहीं बची तो उसने ब्रिजेश की संपत्ति हड़पने की योजना बनानी शुरू कर दी। आरोप है कि आठ साल पहले उसने ब्रिजेश के बड़े बेटे का अपहरण कर उसकी हत्या दी और शव को नदी में फेंक दिया। इसके बाद अब उसने दूसरे भतीजे रेशु का अपहरण कर उसकी भी हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि अब उसकी योजना ब्रिजेश और उसकी पत्नी की हत्या की थी।