नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों में खतरनाक केमिकल को प्रतिबंधित करने के हमारे आदेश सही तरीके से लागू करें। इसे सुनिश्चित किया जाए कि प्रतिबंधित केमिकल का पटाखों में प्रयोग नहीं किया जाए। जस्टिस एमआर शाह और एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि देश में कानूनों को लागू करने में समस्या है। हमें यह देखना पड़ेगा कि खतरनाक केमिकल के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए किसे जिम्मेदार बनाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस आयुक्त को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है कि वह देखे कि प्रतिबंधित केमिकल वाले पटाखे बनाने वालों को रोके। कोर्ट के सामने यह शिकायत आई थी कि पटाखा निर्माता प्रतिबंधित केमिकल लगा कर पटाखे बना रहे हैं और उनको ठीक से लेबलिंग नहीं कर रहे हैं। पटाखा निर्माता संघ की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें कहीं। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पटाखा बनाने जैसे रोजगार की आड़ में अन्य नागरिकों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। उसकी प्राथमिकता मासूम नागरिकों के जीवन के अधिकार की रक्षा करना है। पीठ ने कहा कि हमें रोजगार, बेरोजगारी और नागरिक के जीवन के अधिकार के बीच संतुलन बनाना होगा। यदि हमें लगा कि यह हरित पटाखे हैं और विशेषज्ञों की समिति द्वारा इन्हें स्वीकृत किया गया है तो हम उपयुक्त आदेश पारित करेंगे। पटाखा निर्माता संघ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आत्माराम नाडकर्णी ने कहा कि दीपावली चार नवंबर को है। वे चाहते हैं कि पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) फैसला करे। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले पर फैसला करना चाहिए, क्योंकि लाखों लोग बेरोजगार हैं।