पटना । बिहार में ड्राइविंग लाइसेंसबनवाने वाले लोगों को सरकार एक बड़ी सुविधा मुफ्त में देने जा रही है। इससे वैसे लोगों को अधिक राहत मिलेगी, जो गाड़ी चलाना तो जानते हैं, लेकिन उनके पास अपनी गाड़ी नहीं है। ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाने से पहले होने वाले टेस्ट के लिए अब आवेदकों को अपना वाहन लेकर नहीं आना होगा। आटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक का संचालन करने वाली एजेंसी ही ड्राइविंग टेस्ट के लिए दोपहिया से लेकर चारपहिया गाडिय़ां उपलब्ध कराएगी। एजेंसी की गाड़ी पर बैठकर ही टेस्ट देना होगा। इसके लिए परिवहन विभाग एजेंसी को प्रति आवेदक 100 रुपये का भुगतान करेगा।
फिलहाल पटना और औरंगाबाद में मिलेगा लाभ
इस खास सुविधा के लिए ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदक को कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा। फिलहाल यह सुविधा आटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक की सुविधा वाले केंद्र पटना और औरंगाबाद में मिलेगी। इसके बाद जैसे-जैसे अन्य जिलों में आटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक बनेंगे, यह सुविधा वहां भी लागू हो जाएगी।
दिसंबर तक सभी जिलों में सुविधा
परिवहन विभाग ने दिसंबर तक राज्य के सभी जिलों में आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य के 20 बड़े जिलों को 75-75 लाख रुपये, जबकि छोटे जिलों को 50-50 लाख की राशि आवंटित की गई है। इस ट्रैक के बन जाने से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया काफी हद तक पारदर्शी हो जाएगी। इसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी तरह बदल जाएगी।
कैमरे की निगरानी में नहीं कर सकेंगे फर्जीवाड़ा
नए ट्रैक पर ड्राइविंग जांच की परीक्षा मैनुअल के बजाय स्मार्ट तकनीक से होगी। कैमरे की निगरानी में परीक्षा होने से फर्जीवाड़े की गुंजाइश भी नहीं होगी। गाड़ी चलाने व दाएं-बाएं करने के अलावा गति बढ़ाने और रोकने में अभ्यर्थी कितने दक्ष हैं, इन सभी मानकों पर अंक दिए जाएंगे। गलती करने पर अंक भी काटे जाएंगे। कंप्यूटर के द्वारा ही पूरी रिपोर्ट तैयार होगी।