दिल्ली| कोरोना से ठीक होने के बाद 45 साल के मनोज सिंह (बदला हुआ नाम) ब्लैक फंगस से पीड़ित हो गए थे। फंगस उनकी किडनी और फेफड़ों तक पहुंच गया था। गंभीर हालत में वह अस्पताल में भर्ती हुए। मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उनकी एक किडनी और फेफड़े का एक हिस्सा निकलना पड़ा।
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने इस सजर्री को अंजाम दिया है। गाजियाबाद निवासी मनोज डेढ़ माह पहले अस्पताल में भर्ती हुए थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी थी। तेज बुखार के साथ बलगम में खून आ रहा था। गंगाराम अस्पताल पहुंचने पर उनकी सभी जांच की गई, जिसमें ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई।
अस्पताल के पल्मोनोलॉजी विभाग के डॉक्टर उज्ज्वल पारख ने बताया कि मरीज की जांच के बाद वह हैरान हो गए थे। क्योंकि ब्लैक फंगस न केवल मरीज के बाएं फेफड़े में बल्कि दाएं किडनी में भी फैल गया था। यह दोनों अंग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। फंगस मरीज की आंत और लीवर तक भी फैलने वाला था। रोगी की जान बचाने के लिए तत्काल उसकी सर्जरी की गई और एक किडनी और एक फेफड़े का हिस्सा निकालना पड़ा। सर्जरी के बाद लंबे समय तक मरीज को एंटीफंगल दवाएं दी गई और अब वह ठीक हो गया है। उसको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के बाद बड़ी संख्या में ब्लैक फंगस के मामले सामने आए थे। अभी भी कई अस्पतालों में फंगस के मरीज भर्ती हैं। यह बीमारी अधिकतर उन लोगों को होती है जो कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। फंगस से पीड़ित मरीज का लंबे समय तक इलाज चलता है। अभी तक ऐसे मामले सामने आए थे। जहां फंगस आंख दिमाग और पेट तक पहुंच गया था। यह ऐसा पहला मामला है जब इस संक्रमण की चपेट में किडनी और फेफड़ों आए हैं।