नामजद शो-काॅज नोटिस एवं पांच हजार रू. का जमानती/गिरफ्तारी वारंट भी जारी
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा रीवा जिले के एक मामले में जल संसाधन विभाग, म.प्र. शासन के प्रमुख अभियंता श्री मदन सिंह डाबर को 26 अक्टूबर 2021 को आयोग में व्यक्तिशः आकर अपना स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। आयोग द्वारा प्रमुख अभियंता श्री मदन सिंह डाबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा गया है कि क्यों ना उनके विरूद्ध पांच हजार रूपये से अधिक का जुर्माना लगाया जाये ? आयोग ने प्रमुख अभियंता श्री मदन सिंह डाबर को पांच हजार रूपये का जमानती/गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है। नोटिस एवं जमानती गिरफ्तारी वारंट की तामीली वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, भोपाल के माध्यम से कराई जायेगी। प्रकरण क्र 3015/रीवा/2019 में प्रतिवेदन ना देने एवं आयोग के समक्ष उपस्थित ना होने के कारण प्रमुख अभियंता श्री मदन सिंह डाबर को आयोग में व्यक्तिशः उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि कार्यालय, उप संचालक, जल मौसम विज्ञान, सम्भाग क्रमांक 3, रीवा से सेवानिवृत उपयंत्री निवासी नेहरू नगर, रीवा श्री विष्णुकांत खरे ने 14 मई 2019 को आयोग को आवेदन देकर बताया कि वे 31 जुलाई 2018 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। परंतु सेवानिवृत्ति लेने 10 माह पश्चात भी आवेदन लिखे जाने की तिथि तक उनकी पेंशन व अन्य स्वत्वों का भुगतान नहीं किया गया है। जिससे उनका परिवार गंभीर आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है एवं उसका जीविकापार्जन कठिन होता जा रहा है। चूंकि विभाग द्वारा उन्हें 90 प्रतिशत गुजारा भत्ता भी नहीं दिया गया। अतः उन्हें इंसाफ दिलाया जाये। शिकायत मिलने पर आयोग ने प्रकरण क्र 3015/रीवा/2019 दर्ज कर प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, जल संसाधन भवन, तुलसी नगर, भोपाल से प्रतिवेदन मांगा। इसके बाद कई स्मरण पत्र भी भेजे, परंतु ना तो प्रतिवेदन मिला और ना ही वे स्वयं उपस्थित हुए। अब इस मामले में आयोग ने प्रमुख अभियंता श्री मदन सिंह डाबर को धारा 32(ग) व्यवहार प्रक्रिया संहिता के तहत जुर्माना अधिरोपित करने से पूर्व कारण बतानेे के लिए नामजद नोटिस जारी किया है। प्रमुख अभियंता श्री मदन सिंह डाबर को 26 अक्टूबर 2021 को आयोग के समक्ष व्यक्तिशः उपस्थित होने के लिए कारण बताओ नोटिस व पांच हजार रूपये का नामजद जमानती/गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इस नोटिस एवं जमानती गिरफ्तारी वारंट की तामीली के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, भोपाल को 27 सितम्बर 2021 को ही पत्र भेज दिया गया है।